ये कौन सा लुटेरा
कितने है लुटेरे ये कौन सा लुटेरा
खाकी मे थानेदार कही
खादी मे भ्रष्टाचार कही
जेल हो गए होटल से
ये आते है जाते है
कल जो चारा खाते थे
अब कोयला भी खाते है
कितने है लुटेरे ये कौन सा लुटेरा
सड़क सड़क कोना कोना
ये मांगे हाथ बढ़ा के
ऐसे आए वैसे आए
बटुए मे पैसे आए
गांधी बस नोटो पे भाए
और नहीं पच पाए
रक्षक जब हो जाए भक्षक
किस से आस लगाए
कितने है लुटेरे ये कौन सा लुटेरा
नौकर भी पूरे शाह हुए
इतने बेपरवाह हुए
नौकर पूरे सीना ताने
मालिक को मालिक न माने
मिल गई सारी नदिया ये पाप की
देश लूटते ऐसे
जैसे संपत्ति बाप की
कितने है लुटेरे ये कौन सा लुटेरा
गोदामो मे सड़ रहा अनाज देखिये
कल भी छटपटाया था
भूख से तड़पता आज देखिये
मुक बधिर दिल्ली
और दिल्ली का गूंगा सरताज देखिये
कितने है लुटेरे ये कौन सा लुटेरा
: शशिप्रकाश सैनी
Duniya mein luteron ki bhi koi kami nahi hai, Shashi! Kya karen, paise ke peeche bagtha hua samaj tho luteron ko hi neta payega!
ReplyDeleteएक दम सही बात है सुरेश जी
DeleteYou couldn't have said it better, Shashi. I wrote something on this line last time.
ReplyDeleteI guess, you missed reading it...might like to take a look.:)
This is just brilliant!