दिल की बात चेहरे ने बताई थी


दिल की बात चेहरे ने बताई थी
लोग पूछते थे रात कौन आई थी


जाने किस तरह से वो मुस्कुराईं थी
दिल पत्थर था धड़कने उसने धड़काई थी


कोई अप्सरा थी या हाथो में जादू भरा
दिल में खुदा था जैसे हाथों में खुदाई थी 

कुछ यू था असर बदन तरबतर था मन तरबतर 
रात प्यार की बरसात हुई वो बदलीया लाई थी 

"सैनी" वो हस्ति थी बस खुशियाँ बरसती थी
मालूम न था किस्मत की लकीरों में अब जुदाई थी


: शशिप्रकाश सैनी

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