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The होली Day २ (The Tiger Series, Episode 3 )

आज होली है, शकरपूर के मानचित्र पर रंग धीरे धीरे उभरने लगे है । हमारी कहानी के मुख्य किरदार अभी सो रहे है क्योंकि उन्होंने ने रात को शक्ति वर्धक पदार्थ का सेवन किया था, कल रात चीता पिचकारी और गुब्बारों के साथ साथ शक्ति वर्धक पदार्थ भी ले आया था और दिन रंगीन करने से पहले भालू, बूढ़ा बाघ और चीता ने रात रंगीन कर ली । हमारे टाइगर पहले से शक्तिशाली है इसलिए वो शक्ति वर्धक पदार्थ का सेवन नहीं करता, हाँ कभी कभार मुह से धुआँ निकालने का करतब जरूर दिखा देता है । सबसे पहले चीता उठता है और कल लाई गई थंडई को सादी से रंगीन बनाने में जुट जाता है, मैं दर्शकों को बताना चाहूँगा जब थंडई में भांग मिलाई जाए तो थंडई सादी से रंगीन हो जाती है , अब धीरे धीरे सारे जानवर उठते है । ( मैं बताना चाहूँगा ये वर्णन आँखों देखा नहीं कानों सुना है क्योंकि मैं उल्लू, अपने मित्र बाज के घोसले में होली मनाने गया हुआ हूँ) चीता : हैप्पी होली भाई लोग सब एक स्वर में : हैप्पी होली चीता : आओ भाई लोग थंडई का आचमन कर के हम होली की शुरुआत करते है टाइगर : सुबह सुबह थंडई पीने की बात कर रहा है, दिमाग टिकाने है या नहीं भ...

The होली Day-१ ( The Tiger Series Episode-2)

हमारा टाइगर कमरे में नहीं सोता, जब उसे पहली बार अजगर मकान दिखाने लाया था तभी टाइगर ने कह दिया “मैं कमरों में नहीं सोता मुझे खुली जगह पसंद है, मेरे लिए हौल में बेड डाली जाए मैं हौल में रहूँगा, हाँ चाहो तो मेरा बेड पर्दों से घेर सकते हो, ताकि आते जाते लोग मुझे देख डर न जाए” | हमारे हौल में कोई पंखा न था, पर टाइगर का जलवा यहाँ भी चल गया, टाइगर ने अजगर की दुम पे पैर रख आज पंखा भी लगवा दिया, बड़े अचरज की बात है अजगर टाइगर की हर बात मानता है, कही टाइगर अकेले में अजगर को धमकाता तो नहीं “सामान दो नहीं तो सम्मान ले लूँगा”, खैर ये तो रहस्य है | बात आज की करते है, आज का दिन बड़ा अजीब जा रहा था, अभी सुबह को ही लीजिए हम सब सो रहें थे, टाइगर भी सो रहा था, टाइगर का अलग से जिक्र करना पड़ता है क्युकी वो टाइगर है वो हम में नहीं आता, टाइगर के सामने हम शब्द बड़ा छोटा मालूम देता है | खैर मुद्दे पे आते है हमारी आँख सबसे पहले खुली सब गहरी नींद में थे, हम सोचने के लिए सोचालय की तरफ बड़े ही थे कि हमें कुछ सुनाई दिया “खड़ी बा सोमो हमार गोरिया आके बईठ जा” उस तरफ नजर फेरी तो देखा पर्दों के बीच में लकडबघ्घा बैठा हुआ था...

एक था टाइगर (The Tiger Series, Episode-1)

आज हम टाइगर की बात करेंगे, ये कोई जंगली नंग धडंग घूमने वाला जानवर नहीं बाकायदा कपड़े पहनता है, इस्मार्ट फोन भी इस्तेमाल करता है और सुना है C.A बनने दिल्ली आया हुआ है | टाइगर यूँ ही नहीं कहते इसे, उम्र महज १८ साल पर है ये टाइगर बड़ा खूंखार, कोई मौका कोई शिकार नहीं छोड़ता और दहाड़ ऐसी कि उड़ीसा तक काँप उठता है इसके खौफ से | ऐसे टाइगर को एक पोस्ट में निपटानें की गुस्ताखी हम नहीं कर सकते, इसलिए अब हम "The Tiger Series" नाम से पूरा सीरियल लिखेंगे | आज के एपिसोड की तरफ बढ़े इससे पहले थोड़ी भूमिका हो जाए, दिल्ली के शकरपुर में गौरी शंकर निवास के बी-१० में रहने आया है टाइगर, इस कहानी में और भी किरदार है जैसे जैसे कहानी बढती जाएगी किरदार जुडते जायेंगे | पहला किरदार तो खुद टाइगर है, दूसरा मैं उल्लू जो रात भर जगता है और कुछ बनने मुंबई से दिल्ली आया हुआ है आप समझ ही गए होंगे उल्लू किस लिए अक्सर लोग मुंबई जाते है और मैं मुंबई छोड़ आया हूँ | तीसरा है चीता, चीता इसलिए की चीता ही पीता है और जिस रफ़्तार से ये सुट्टा पीता है कोई और चीता क्या पीता होगा, चौथे है भालू, ये शरीर से भालू नहीं है हरक...