कब तक मचलते अरमान देखू


कब तक मचलते अरमान देखू
सर उठाऊ खाली आसमान देखू
मेरा चाँद अब तक अमावस मे है
ज़िंदगी कितने तेरे इम्तिहान देखू

:
शशिप्रकाश सैनी

Comments

  1. सुंदर अभिव्यक्ति ...!!
    शुभकामनायें....!!

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  2. Abh tho taare se apna dil behlayiye:) Chand nikal hi jayegi

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