पत्थरों पे प्रेम के फूल न होंगे


पत्थरों पे प्रेम के फूल न होंगे बेवजह पानी खाद न दे 
वो बेदिली की तस्वीर है सर न झुका कोई फ़रियाद न दे 
सुना दिल का हर कोना रहा उसका होना भी न होना रहा 
जहन में उसे बसाना भी क्या याद करने को याद न दे 

: शशिप्रकाश सैनी

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