Two Minutes
This post has been published by me as a part of the Blog-a-Ton 29; the 29th Edition of the online marathon of Bloggers; where we decide and we write. To be part of the next edition, visit and start following Blog-a-Ton. The topic for this month is 'TWO MINUTES'.
हर कदम दर कदम
मै संभलता गया
मै चलता रहा
बस संभलता रहा
जिसे घुरना था
जिसे ताड़ना था
मै नज़रे बचा के निकलता गया
कभी चप्पल से डर था
कभी सैंडील से डर
थप्पड़ के डर से न कुछ कहसका
मालूम करली खिड़किया
दरवाजे गली हमने
न जाने उन्ही गलियो मे
कितनी कविता करी हमने
दिमाग की सुनते रहे
दिल मसलते रहे
2 मिनट भी हिम्मत न की हमने
दिमाग की सुनी
दिल की न सुनी हमने
सुनना चाहते रहे इजहार-ए-दिल
पर दिल की न कही हमने
न पैसा न पलटन न हुनर चाहिए
बस समझे जिगर को जिगर चाहिए
जिसे अब तक ताड़ा नहीं
चार साल मे कुछ उखाड़ा नहीं
फ़रेवेल की रात आया था
सिने मे हौसला लाया था
उस दिन नाचे झूमे गाए भी
साथ उसके खिल खिलाए भी
अब लबो को खोलना था
हौले से बोलना था
आओ हाँ पे हाँ हो जाओ
चलो मेरी दुनिया हो जाओ
तुम प्यार की बदली हो
मेरे आस्मा पे छाई हो
मै धूल भरी आँधी
तुम बरसात लाई हो
तेरे पीछे दौड़े
तो गिरना संभलना आया
ये सोच के निकाला महफिल से
की आज इजहार होगा
मेरी लकीरों मे भी प्यार होगा
वो खड़ी थी मै निकाला था
बीच मे ये कौन घुटनो पे था
मेरे पास गुलाब था
उधर पूरा गुलदस्ता था
वो घुटनो से बाहो मे होगया
मै महफिल से
जो 2 मिनट देर निकाला था
न मालूम था इन 2 मिनटो ने ही
हाथो मे अंधेर लिखना था
दिल मे आते आते देर हो गयी
रोशनी दुनिया की सब अंधेर हो गयी
: शशिप्रकाश सैनी
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achhaa likha hai..Good Luck!
ReplyDeleteधन्यवाद दिवाकर जी
DeleteWah! Wah! Saini sahab!
ReplyDelete'दो मिनट'की देर - क्या क्या हो सकता है उससे!!
ReplyDeleteधन्यवाद आतिवास
Deletearey 2 minute mein duniya badalti hai
ReplyDeletekisko pata, agle 2 min mein kaunsi chehra khilti hai
धन्यवाद मनसा जी
DeleteOh My God, What a poem!!!! I loved it so much..
ReplyDelete"Did not know it was in two minutes,
Hands had to write in the dark
Heart came up in late
Light all the world's injustice"
keep writing more and more!!!!!!!!!!!!
Someone is Special
हौसला आफजाई अक शुक्रिया SIS
DeleteDeep and a poignant one !
ReplyDeleteतुम प्यार की बदली हो
ReplyDeleteमेरे आस्मा पे छाई हो
मै धूल भरी आँधी
तुम बरसात लाई हो
I just loved these lines. Amazing visuals too!
हौसला आफजाई का शुक्रिया
DeleteKya bat hai Shashiji maan gaye
ReplyDeleteIt stroked a few chords :)
धन्यवाद जेजे
DeleteYe train waali hi thi ya koi doosri? Aap to bahut ustaad nikle Shashi...har jagah dil lutaa dete rahe ho:):)
ReplyDeleteAll the best..:)
ट्रेन वाली असली थी और ये कल्पना है बस
Deleteधन्यवाद अमित जी
I can read Hindi but my vocabulary would not suffice to understand every line of the poem but still got the gist and loved it . Bahut khoobsurat :)
ReplyDeleteआप ने कविता को सराहा आपका बहुत आभारी हु
DeleteBahut aacha likha hai Shashi ji... :)
ReplyDeleteBest of luck for BAT
धन्यवाद स्वेता जी
Deleteजिसे घुरना था
ReplyDeleteजिसे ताड़ना था
मै नज़रे बचा के निकलता गया
LOL, very cheeky :)
ग़ज़ला जी
Deleteबस यही चाहता हू
थोड़ा बहुत लड़कपन अपने आप मे ज़िंदा रखू
Aap bahut khoobsurat likhte hain!
ReplyDeleteधन्यवाद रचना जी
DeleteNicely written Sir.. Loved it! :)
ReplyDeleteधन्यवाद रोहन जी
DeleteWell written. All the best
ReplyDeleteहौसला आफजाई का शुक्रिया
DeleteBeautifully written .. Bahut khoob :)
ReplyDeleteधन्यवाद अंजलि जी
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