चल संडे मना
ऑफिस की मजबूरियां ऑफिस छोड़ आ घुट घुट के जीना है क्यों चल संडे मना दौड़े दौड़े थक गए रुक जाए जरा मै गाऊ गाना नया धुन तू भी सुना बाइक कब से कह रही चल हाइवे पे चल दौड़े सरपट हम ज़रा कर थोड़ी हलचल चल थोड़ा माहोल कर ले नंबर ले कॉल कर जेंटल मैन बनना नहीं फिर पंटर बुला मछली सारी मारने पोखर मै चला कीचड़ में खेला कूदा बच्चा हो गया धड़कन कब से कह रही धड़कन की भी सुन चल गाएं गाना नया धुन चल तू भी बुन : शशिप्रकाश सैनी