सोच
सोच में क्या है
इंतजार है की व्यथा है
आँखों की जुबानी पढ़े
आंसुओ की कहानी पढ़े
प्रियतम से बिछड़ने का गम है
या ख़ुशी है की आ रहा सनम है
सोच बहुत गहरी है
कौन जाने कहा ठहरी है
चाँद चांदनी में है
सोच पूरी रोशनी में है
मन इतना गहरा है
ख़ुशी है की व्यथा है
किसको क्या पता है
सोच में क्या है
:शशिप्रकाश सैनी
Kya baath hai !!Bahuth badiya likha hai aapne Shashi Jee..:-)
ReplyDeleteसोच में क्या है
ReplyDeleteइंतजार है की व्यथा है
आँखों की जुबानी पढ़े
आंसुओ की कहानी पढ़े LOVELY !
धन्यवाद नागिनी जी और अल्का जी
ReplyDeleteEk behtareen kavita padne ka mauka mila...:)
ReplyDeleteहौसला अफजाई के लिए शुक्रिया पांचाली जी
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