सेल्फ प्रमोसन




जब तक कवी था
बस लिखता था
डायरी में रहता था
दिल की बात दुनिया से न कहता था
बस लिखता था


अब मेनेजर होने जा रहा हू
पबलिसिटी प्रमोसन समझता हू
कंटेंट तो ज़रूरी है
पर दिखोगे नहीं तो बिकोगे कैसा
ये भी मज़बूरी है


मन कवी है
धडकनों पे प्यार पे
लिखता हू मै बहार पे
पर बुद्धि तो मेनेजर है
जिसको आई लाज
बिगड़ा उसका काज
ये सिद्धांत है
सेल्फ प्रमोसन से न शर्माइए
अपना कार्ड अपने हाथो बड़ाइए


: शशिप्रकाश सैनी

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