खट्टी मीठी नारंगी
This post has been published by me as a part of the Blog-a-Ton 41 ; the forty-first edition of the online marathon of Bloggers; where we decide and we write. To be part of the next edition, visit and start following Blog-a-Ton . The theme for the month is "SWEET AND SOUR" चार चवन्नी पाई जब सेठ चाल लहराई तब न मिलता न मैं बात करूँ दुनिया पैरों लात धरू एक रूपये में चार मिले हर नुक्कड़ पे यार मिले गोली खट्टी मीठी वो स्वादो का संसार मिले खट्टा मीठा स्वाद लिए खट्टी मीठी याद लिए बचपन की वो यारी सब जेबों को प्यारी जब मम्मी ने मना किया एक अठन्नी देती ना सड़क राह में लोटे थे आंसू मोटे मोटे थे हाफ नीकर वाले हम थे रूपया कम था वक्त बहुत नारंगी खिचातानी में बहना संग था सख्त बहुत जब पैसों का अम्बार हुआ समय नहीं इस बार हुआ अब न लडते बहना से न यारों में हम सेठ बने पिज्जा बर्गर कोला मैं सब से जा के बोला चाहे जितने पैसे ले मुझको वो स्वाद चखा दे ...
...good!
ReplyDelete(but the pic shows the swing on the heart side...should be on $ side..:) no?)
अपना दिल आज भी पैसे से भरी है अमित जी
Deletearrey bhai waah! I thought the illustration was to enhance the pain in haiku, but it turned out to be something else!
Deletekavita likhi hai duniya pe aur dil dikha rahe ho apna? hahaha...liked it:)
This made me smile,
ReplyDeleteI have written a few haiku in hindi too,:)