खाली पन्नें
This post has been published by me as a part of the Blog-a-Ton 28; the 28th Edition of the online marathon of Bloggers; where we decide and we write. To be part of the next edition, visit and start following Blog-a-Ton. The topic for this month is 'BLANK PAGES'.
खाली पन्नें
किस्मत ने छोड़े
कुछ सवाली पन्नें
जिंदगी के खाली पन्नें
वैसे तो मेरी कहानी से
पूरी किताब भरी है
लडकपन है जवानी है
नादान है सयानीं है
मेरी पूरी कहानी है
धुंधली है सुनहरी है
पूरी किताब भरी है
इश्क पे रखा यकीन
पर बरसीं नहीं बरसात बन के
रह गया दिल का खालीपन
कोई आई नहीं
सौगात बन के
किस्मत ने छोड़े
कुछ सवाली पन्नें
दिल्लगी के खाली पन्नें
रीश्ता दे फरिश्ता नहीं
इंसान ही दे
मोहब्बत दे
भले थोड़ी नादान ही दे
जिंदगी महका सकें
वो खुशबू दे
दिल धड़कता रहे
कोई आरजू दे
कब तक ख्यालों से भरे
दिल्लगी के खाली पन्नें
नाराज़गी दे मनाना दे
ऐसा कोई तराना दे
धड़कने को बहाना दे
कब तक करेंगे सवाल
ये सवाली पन्ने
अकेलापन खटकता है
दिखे जब भी
खाली पन्ने
चुभते है सवाली पन्ने
कोई तो उभरे
अक्षर शब्द
पूरी कहानी बने
ख्यालों से कविताओं से
निकले
पन्नें मेरे खाली न रहे
हम दीवानें से
वो दीवानी बने
मोहब्बत मेरी भी कहानी बने
: शशिप्रकाश सैनी
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Shashiprakash ji : Very nice poem. Glad to have read it.
ReplyDeletevery mesmerizing poem.. loved it
ReplyDeletebeautiful shashi!
ReplyDeletelovely read! left me mesmerized! :)
ReplyDeleteNicely written...You seems to open a book of thoughts:)
ReplyDeleteधन्यवाद जेजे जी , विवा जी , अल्का जी, अपाला जी , रुचिता जी
ReplyDeleteआप सब तो मेरे लिए जिंदगी के आईने है
आप खूबी दिखाए तो हौसला हो जाता
कमी दिखाए तो निखारने का मौका
उम्मीद है मेरे आईने मुझे मेरा चेहरा दिखाते रहेंगे
aha...v nice :))
ReplyDeleteJust one word, Awesome!
ReplyDeleteधन्यवाद आकांक्षा जी
DeleteAwesome lines..:-)
ReplyDeleteधन्यवाद नागिनी जी
Deletenice poem...
ReplyDeletehttp://rajnishonline.blogspot.in/
धन्यवाद रजनीश जी
Delete<< पन्नें मेरे खाली न रहे >> that is what we all strive for. Well expressed.
ReplyDeleteधन्यवाद आतिवास जी
DeleteNice thoughts and expressed in such simple language that even I can understand.
ReplyDeleteधन्यवाद TF
Delete"Mohabbat meri bhi kahani bane" loved this line. Its a simple and sweet poem. Honest, I am glad I read it :)
ReplyDeletedhanywaad Richi ji
Deletesuch a beautiful, heartfelt poem Sashi Ji. i was reading it aloud, and it sounded so lovely.
ReplyDelete"kab tak khayalon se bhare, dillagi ke khali panne" this was a rocker :)
Kudos to you!!
dhanywaad kirti ji
Deleteaik bahut achhi kavita
ReplyDeleteधन्यवाद डॉ अर्चना जी
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