वाह री धर्मनिरपेछता



जालीदार टोपी लगाने से
इफ्तार खाने से
दाड़ी बड़ाने से
लोग धर्मनिरपेछ होने लगे
वाह री धर्मनिरपेछता   

मौका बेमौका हरा पहने
भगवा से भागे
मदरसो को रखे आगे
धर्म विशेष पढ़ाने मे धन दे
तो आप धर्मनिरपेछ होजाएंगे
नहीं तो आप कट्टर है
कट्टर ही रह जाएंगे
वाह री धर्मनिरपेछता

शहीद को लानत दे
आतंकी के गम मे आसू बहे
ओसामा के मरने का दुख हो
सीएसटी की स्याह रात भुलजाए
कसाब को दामाद बनाए
बिरयानी खिलाए
तर्क ये या कुतर्क कहे
सामाजिक सौहार्द बिगड़ जाएगा
जब अफजल  फांसी पे आएगा
ऐसे सामाजिक सौहार्द को लानत दे
आतंकी पले जिसकी आड़ मे
वो सौहार्द जाए भाड़ मे
वाह री धर्मनिरपेछता

; शशिप्रकाश सैनी 

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