सड़क का आदमी



सीने पे है निशान
और चेहरे पे है दाग बहोत   
पीठ पीछे लोग
करते है बात बहोत
नाम मेरा लो
फिर कीचड़ उछालो तब
सामने आओ
दिन मे निकलो
रात को घर जलाने वाली
हमने देखी है आग बहोत   

तुम आसान हो
आसान आदमी रहो
मै मुश्किल हू
किस्मत देती रही मुश्किलात बहोत
रोज़ लड़ना है रोज़ मरना है
एक रोटी के लिए
देखो क्या क्या करना है
क्या समझेंगे मेरे हालात बेड टी वाले
कभी बटुआ कार छोड़
सड़क पे आओ
फिर दो इंतेहान ज़िंदगी वाले
एसी कमरो से न करो बात बहोत

ये चैरिटी ये चैरिटी
ये चैरिटी क्या है
बिसलरी की बोतले है
मुर्गे की टांग है
झुग्गी के दर्द पे आसू बहाना
पर 5 स्टार की मांग है
ये चैरिटी कैमरे का चमत्कार है
काम के कम है
इनके है बस नाम बहोत

: शशिप्रकाश सैनी
                 

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