साल 1998



पहली बार छेड़ा था तार दिल का
एक नज़र में ले गयी करार दिल का,
दिल के सफ़र की सुहानी घड़ी थी
इलाहाबाद चढ़ी थी
सतना उतरी थी,
पुरे सफर  में
उसकी नज़र पे नज़र टिकी थी,
6 घंटे का सफ़र था
पर यादो में सालो बसी थी,
वो मेरी बचपन की दिल्लगी थी
न नाम मालूम, न पते का पता
मासूम था दिल
उसकी आँखों में भी मासूमियत भरी थी,
 तस्वीर धुंधली से हो गयी ओझल
प्रेम था या आकर्षण
जो भी था, था निश्छल


:शशिप्रकाश सैनी


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Comments

  1. 6 ghante X 2 nazar = 14 saal
    Shashi bhai ho sakta hai banvaas khatam hone ko ho! All the best:)

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    1. अमित जी आपके मुह में घी सक्कर

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  2. Replies
    1. आप का बहुत बहुत आभार आकाक्षा जी

      Delete

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