देवी







रुखी खुरदुरी त्वचा , साडी गन्दी फटी
खलीहानो की रौनक , मिट्टी धूल लिपटी
मिट्टी धूल लिपटी ,  जेठ दुपहरी की तपी
देवत्व इस में भी , त्याग परिश्रम की देवी
घर की अन्नपूर्णा सी , पर सो जाए भूखी
देवी ईश्वरीय देन  , कैसे कहे रुखी
        

: शशिप्रकाश सैनी 

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