मैं कवि हूँ बस कविता करता हूँ


भावनाओं को शब्दों में पिरोता हूँ
आपकी हर आह वाह पे 
जीता हूँ मरता हूँ 
तालियों में जान है बसी
और सन्नाटे से डरता हूँ 
मैं कवि हूँ बस कविता करता हूँ

: शशिप्रकाश सैनी

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