This post has been published by me as a part of the Blog-a-Ton 40 ; the fortieth edition of the online marathon of Bloggers; where we decide and we write. To be part of the next edition, visit and start following Blog-a-Ton . The theme for the month is "MAKE A WISH" रात स्वप्न में , प्रभु थे खड़े बोले मांगो वत्स क्या मांगते हो जमीं चाहते हो या आसमां चाहते हो बड़ी गाडी , बड़ा घर , नोटों की गट्ठर या सत्ता सुख कुर्सी से हो कर जो चाहो अभी दे दूँ एक नयी ज़िन्दगी दे दूँ मैंने माँगा तो क्या माँगा एक बेंच पुरानीं सी वो पीछे वाली मेरे स्कूल की चाहिए मुझे वो बचपन के ज़माने दोस्त पुराने मदन के डोसे पे टूटना चेतन का वो टिफिन लूटना अपना टिफिन बचाने में टीचर क्लास सभी को भूले हम मस्त थे खाना खाने में मुझे वो होली चाहिए ओ एन जी सी कॉलोनी चाहिए वो ठंडाई वाली ट्रक वो लड़कपन की सनक एक दुसरे का फाड़ते हम कुर्ता अनिल मेरे दोस्त ये वक़्त क्यों नहीं मुड़ता गुरप्रीत के घर वाला रास्ता मेरा टूयूशन मेर...
Beautiful lines of irony..:-)
ReplyDeletedhanywaad
Deleteisi ka naam zindgi hai :)
ReplyDeleteji alka ji
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