प्रेम की छन्न पकैया


छन्न पकैया छन्न पकैया, छन्न से अटका दिल
प्रेम डगर ऐसी है लल्ला, सबसे तू न मिल


छन्न पकैया छन्न पकैया, प्रेम है ऐसा साँचा
अब तक तुमको जाँच रही, सोचो कितनो को जांचा


छन्न पकैया छन्न पकैया, नाक नक्श सूरत है
प्रेम करे अबकी जो भैया, देखे न शिरत है


छन्न पकैया छन्न पकैया, प्रेम है महंगा सौदा
डिग्री सारी हाथ से छुटी, घर के अरमानो को रौंदा
           
छन्न पकैया छन्न पकैया, मुह मारे ये दर दर
मन की माँगा है नीची सबसे, तन की आग है ऊपर


छन्न पकैया छन्न पकैया, छन्न से आई लड़की
बरसों की यारी टूटी , आग देखिए भडकी


छन्न पकैया छन्न पकैया, छन्न से आई बाइक
बटुआ भारी है तेरा जब, लड़की करेगी लाइक


छन्न पकैया छन्न पकैया, छन्न से लगा कांटा
भुत प्रेम का देखो उतरा , जब पड़ा है चांटा


छन्न पकैया छन्न पकैया, प्रेम सच्चा बचपन का
प्रेम करो उससे ही ,जो अब तक बच्चा मन का


छन्न पकैया छन्न पकैया, मेरा मन भी बच्चा
ढूढा रहा हू दर दर देखो, प्यार मिले कब सच्चा


छन्न पकैया छन्न पकैया, प्रेम मिले जी ऐसा
बाल  झडे झुरियां आए, प्रेम रहे वैसे का वैसा


: शशिप्रकाश सैनी 

Comments

  1. chann pakaiyaa chann pakaiya, padh ke aa gaya maza
    chann pakaiyaa chann pakaiya, aise hi likhte raho raja.

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  2. I'm usually not able to relate to hindi poems, but this one was simply innocent honest and lovely..!!

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