एक से दो से हज़ार से
एक से दो से हज़ार से
कब तक खेलिएगा एतबार से
रातो की रंगीनियां होंगी
जलवा होगा
बाज़ार में आप भी होगए है
कारोबार से
बस पल भर की खुशी है वो भी
बिकी है
क्यों डरते है इतना आप दिलदार
से
है मानते धोखा हुआ था जब आपने
दिल दिया था
रूठना था हक तुम्हारा अब
छोडिये गुस्सा संसार से
छेडिए न जख्म जख्म भर
जाएंगे “सैनी”
दिल लगाइए फिर देखिए क्या होता
है प्यार से
: शशिप्रकाश सैनी
bahut khoob sainiji
ReplyDeleteshandar
dhanywaad Chirag ji
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