ऐ खुदा भूलने का हुनर दे की हम उसे भुला दे


ऐ खुदा भूलने का हुनर दे, हम उसे भुला दे
बावफाई का सिला बेवफ़ाई, उसकी यादे भी जला दे

बेवफाई की दुनिया ये, दिल लगाना हैं गुनाह
या खुदा रहम कर बन्दों पे, जीने का हौसला दे

जीतनी भी सुन्दर काया, आँखों में सब माया
ये इश्क की जादूगरी, अच्छे अच्छो को बरगला दे

दिल खेल हैं, आप खिलवाड़, वो खिलाड़ी
यारो को भिड़ा दे, बरसों की दोस्ती हिला दे

रौंदे है दिल, मिट्टी में अरमा रौंदे है
बेवफ़ा को बेवफ़ा मिले ये सिला दे

वो बेवफ़ा थी लौट के आनी नहीं “सैनी”
मयकदा चल मय की मयकशी में उसे भुला दे

: शशिप्रकाश सैनी 

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Comments

  1. वो बेवफ़ा थी लौट के आनी नहीं “सैनी”
    मैक़दा चल मै की मैकशी में उसे भुला दे
    wah-wah kya baat kahi hai Shashi!

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