जिंदगी की धूप झेली




जिंदगी की धूप झेली शाम का इंतजाम मोहब्बत
दरख्तों दीवारों छतों पे लिखेंगे हम नाम मोहब्बत
डरना छुपना है क्यों दिल की सुनी किया कोई पाप नहीं
सडको पे निकल करेंगे सरेआम मोहब्बत


: शशिप्रकाश सैनी




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