इस तरह जिंदगी बिताई हैं
उसने दी हैं और हमने लुटाई हैं
जिंदगी कुछ इस तरह से मुस्कुराई हैं
बारिसे ऐसी बरसाई हैं
धुप खिड़कियों से यूँ छन के आई हैं
यूँ लगता सीने में खुदा हैं मेरे
हाथो में खुदाई हैं
जो दोनों हाथो लुटाई हैं
इस तरह जिंदगी बिताई हैं
: शशिप्रकाश सैनी
यही ज़िंदगी की सच्चाई है।
ReplyDeleteउसने दी है और हमने लुटाई है
धनयवाद इंदु जी
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