जब से प्याज अमीरी का पैमाना हुआ


जब से प्याज अमीरी का पैमाना हुआ
तब से बस तस्वीरो से बहलाना हुआ

आँखों को आंसू देता है वो सुना था कभी
प्याज कटे रुलाए वो घडी आए जमाना हुआ

पकौड़ो से रूठा परैठो से नाराज अब तक
इनको प्याज से मुश्किल मिलाना हुआ

प्याज सांप्रदायिक हैं इनसे दूर ही रहो
ऐसी बातो से मन को बरगलाना हुआ

मोहल्ला जान न जाए कल को डाका न पड़े
प्याज तरबूजो कद्दूओ में भर के लाना हुआ

प्याज प्यार सब ढाई अल्फाज़ हैं "सैनी"
ढाई ने ढाया गजब दिल ही दुखाना हुआ


: शशिप्रकाश सैनी



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