प्याज ही प्याज हैं दुनिया मेरी
प्याज ही प्याज हैं दुनिया मेरी
इसके स्वाद का तलबगार हूँ मै
खूब पहचान लो शक्ल इसकी
कहता थाली में मुश्किल दीदार हूँ मै
न रास्ते में आओ, ये प्याज काट देगा
कहती जेब पे चलू तलवार हूँ मै
मै अमीरी का शौक़ हूँ गरीबो से मुझको हैं क्या
उच नीच मुझमे बहोत, लोग कहते बिमार हूँ मै
याचनाओ से पिघलू नहीं
पत्थर हूँ दिवार हूँ मै
बरसात में पकौड़ो में नहीं आऊंगा मै
तू इस पार खड़ा, तो उस पार हूँ मै
शराबो पे नोटों पे अब की बेचना न वोट अपने
फिर न कहना बढती कीमत का गुनाहगार हूँ मै
जिसको चाहो दे दो देश की सियासत " सैनी"
कठपुतली से देश न चले इतना तो समझदार हूँ मै
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