बनारस मेरा गुरु
आज फोटोग्राफी दिवस पे
शुक्रिया कहू
बनारस मेरा गुरु
चाहे कैमरा उठाऊ
या कविता करू
इस अनाड़ी में ललक जगाने के लिए
घाटो तक खिच लाने के लिए
सुबह कितनी सुहानी
शामो की रंगीनियाँ दिखाने के लिए
जिंदगी का हर लम्हा कैद किया
जब मै फोटोग्राफर हो के जिया
तस्वीरो में छुपा के
वक़्त से बचा के
मै यादे बटोर लाया हूँ
पोटली बना के
मेरे कैमरे का
सबसे ज्यादा ठिकाना रहा
वो घाट चेत सिंह
जिसका मै दीवाना रहा
तस्वीर खिची ही नहीं जी मैंने
तेरा ही सीखना रहा
शुक्रिया घाट का
चाट का गलियों का
और गंगा का
इस नौशिखिये को हौसला दिया
मै बनारस हर लम्हा जिया
Awesome !! Banaras is one of my favourite places !How nicely you have described your joy in clicking and writing in the City so colourful .. the ghats so lively ...
ReplyDeleteI am feeling great having stumpled upon at your place !!
आप तक मेरी कविता के भाव पहुंचे
Deleteअच्छा लगा आभार
शुक्रिया घाट का
ReplyDeleteचाट का गलियों का
और गंगा का
इस नौशिखिये को हौसला दिया
मै बनारस हर लम्हा जिया
..........बिल्कुल सही खुबसूरत प्रस्तुति !!