थमे हम आप ही
थमे हम आप ही दुनिया की करे
बात क्या
मंजिल पड़ाव और मेरा रास्ता
कहा गया
उन निगाहों ने ऐसे किए
हालात क्या
उनको देखे और फेरे मुह
अनजान से
गर्दन मुडी नहीं दिल से न
रहा गया
एक तू कुछ कहती नहीं
और तेरी आँख चुप रहती नहीं
आँख झपकेंगी तिलिस्म जाएगा
तेरा
सच कहता हू
ये ही वजह रही की हम खड़े
रहे ईमान से
: शशिप्रकाश सैनी
Beautiful
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धन्यवाद विनय जी
Deleteधन्यवाद विनय जी
Deletekya yahi pyaar hai...isi mein takrar hai..!?? Liked it...may be my interpretation was different. But, I loved this!
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