अपनी नयी दुनिया बनालो चलो
मुठ्ठी क्या ऊंगली पे नचालो चलो
थोड़ा हौसला दिखा
छोड़ दुनिया ये दीवारों वाली
मै राज़ी हू हटाने को Saini
तू Dureja हटा
Thakur se ठाकुर
Pandit से हम पंडित हटा दे
जिए जिंदगी खुले अस्मा वाली
तोड़ ये दीवार जात धर्म की
अपनी नयी दुनिया बनालो चलो
कोई पूछे ना नाम आखिरी तेरा
कोई नामो से मेरे मजहब ना निकाले
किसी दौड में तुझे रोका न जाए
बिना लड़े
कोई तमगा न करे मेरे हवाले
आ मिटा दे नाम आखिरी
अपनी नयी दुनिया बनाले
मुठ्ठी क्या ऊंगली पे नचालो चलो
: शशिप्रकाश
Vaah vaah! :) Lovely, as I already told you.
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