छन्न पकैया , छन्न पकैया , मेहनत की हैं रोटी, कहने को युवराज हैं, लेकिन बाते छोटी-छोटी ||१|| छन्न पकैया, छन्न पकैया , खूब बड़ी महंगाई कुर्सी पे हाकिम जो बैठा , शुतुरमुर्ग हैं भाई ||२|| छन्न पकैया, छन्न पकैया , आँखों पे हैं चश्मे पुत्र मोह में पुत्री मारे , कितनी घटिया रस्में ||३|| छन्न पकैया, छन्न पकैया , मिलें कंधो से कंधे छूत अछूत हैं बीती बातें, सब उसके ही बन्दे ||४|| छन्न पकैया, छन्न पकैया, बच्चे खेल न पाते बड्डपन की दीवारों ने हरसू , बाट दिए अहाते ||५|| छन्न पकैया, छन्न पकैया, भट्टी तपता सोना माँ मेरी घर मेरे आई, रोशन कोना-कोना ||६|| छन्न पकैया, छन्न पकैया, निश्चित बुढ़ापा आना जोशे जवानी में तुम न, बजुर्गो की हंसीं उड़ना||७|| छन्न पकैया, छन्न पकैया, मस्त कोलावेरी गाना कानो ने सुना अगर तो , तय होठो पे आना ||८|| छन्न पकैया, छन्न पकैया, जहा दीपिका जाए छोटा माल्या आगे पीछे, लट्टू होता जाए ||९|| छन्न पकैया, छन्न पकैया, गम ही हिस्से आता चेहरे के सब हाव भाव ह...