सामर्थ्य
प्रश्न वाचका हो
प्रश्न पूछना हैं तो सामर्थ्य होना चाहिये
प्रेम की परिभाषा बता
आदर्श को प्रेम व प्रेम को आदर्श बना
पर सामर्थ्य होना चाहिये
सामर्थ्य हैं यो प्रेम कर
सामर्थ्य हैं इज़हार कर
परिणाम कुछ भी हो
ज़िन्दगी सिंह सी जियो
तंग आ गया हैं
नियमो से बंधनो से
तो दब के जीना छोड़ दे
अगर सामर्थ्य हैं
सामर्थ्य है तो विद्रोह कर
सामर्थ्य हैं तो बन स्वयम का ईश्वर
तू चून कंकरो से भरी धरा
या मखमल सा परतंत्रता का हो विष भरा
कमजोर हैं या की निर्बल
बना अटल अपनी रहा पर चल
गर सामर्थ्य का पर्याय हैं
तो शक्ति प्रदर्शन कर
पैदा कर प्रतिवंदी में डर
सामर्थ्य हैं तो इन्द्रियों को हर
सुपात्र बना या कुपात्र
यश फैलेगा सर्वत्र
सिह अपना सामर्थ्य नहीं खोता
इसलिए हर जंगली जानवर सिंह नहीं होता
या तो अच्छा बन या बुरा
सिखंडी की जिंदगी जीना छोड़
पवन सा आवेगा ला सूर्य का यश तो दिखा
अगर सामर्थ्य हैं तो इंसान बन
: शशिप्रकाश सैनी
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