अबकी मै न खेलूं होली
रंग कैसे लगाएं
कोई जादू बताए
खेले किस रंग से हम होली
तू पूरी रंगी आई गोरी
किस रंग में यूँ लाल हुए
गोरी तेरे गाल हुए
एक दिवस बस मेल हुआ
बिछड़े तो कई साल हुए
मुझसे खेल बस आंखमिचोली
अबकी मै न खेलूं होली
तू रंगी हुई यूँ आई
कुर्ती पे रंग है हरा चढ़ा
दुपट्टा पीला पुत्वाई
किस रंग से अब रंगू तुझे
तेरी रंगी हुई परछाई
न सूरत कर अब भोली
अबकी मै न खेलूं होली
अबकी जो मुझे याद किया
हफ्तों महीनो बाद किया
कब से बोल नहीं तू बोली
बस खेले आँखमिचोली
अंखियां यू तू दिखला ना
रंगों से तू यूँ ढकी हुई
लगे जरा न भोली
होली तेरी कब की हो ली
अबकी मै न खेलूं होली
: शशिप्रकाश सैनी
होली की ढेरों शुभकामनायें... सादर
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteHappy Holi..
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Behtrin rachna.. Holi ki aapko hardik shubhkamnayein..
ReplyDeleteधन्यवाद सिमरन जी
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