ये मैं हूँ
माथे पे बूंद पसीने की
होठों पे हँसी, कौन हैं ये
पैरों को हैं आराम नहीं
आँखों में चमक, कौन हैं ये
कंधों पे भार बहुत ज्यादा
हैं चाल दीवानी, कौन हैं ये
मेहनत से नहीं डरता देखो
बातों में रवानी, कौन हैं ये
ये मैं हूँ, कल आप थे,
परसों कोई और होगा
कशमकश की तस्वीर,जो जी सकेगा,
वो लकीरों का सिरमौर होगा
: शशिप्रकाश सैनी
so true..beautifully penned :)
ReplyDeleteधन्यवाद करण जी
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