द्वन्द हैं लम्बी कहानी


जाने कब से लड़ रही हैं
भाग्य और मेहनत हमारी
स्वप्न सच करने की बारी
द्वन्द जाने कब से जारी


जीत भ्रम है ये न पालो
हर पल सय मात खेले 
पग पग पे बाजी लड़ानी
द्वन्द हैं लम्बी कहानी


आज तुम छाती फुलाए
आज तुम हुंकार पे हो
कल को मैं भी सर उठाऊँ
द्वन्द में अंतिम नहीं कुछ


: शशिप्रकाश सैनी


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