अरे भोली जनता


जिनसे डर था, जो कुर्सी खिचता लगा 
सत्ता हाथो से जाती दिखी
शक्ल जिनकी डराती दिखी
बाबा, मोदी सपनो में आएं
नींदे उडाएं
स्वामी जब बोले बस टेटुआ दबाएँ
घिघी इनकी बंध गई 
आंखे लाल साँसे चढ़ गई
वोटर जब रूठता दिखा
पापो का घड़ा फूटता दिखा
सत्ता हाथो से फिसलने लगी
आग ऐसी लगी जान जलने लगी


हाथ के हथियार
रामलीला में देर रात चले डंडे
आजमाएं सारे हथकंडे
एक दिन में 81 केस 
बाबा ने किये फेस
मोदी पे आरोप कई 
मीडिया सब छोड़ दी
मीडिया, सीबीआई सबने किया मुजरा 
जब भी दिल्ली ने कहा


जो कहते हैं आम हूँ मैं
बिगडती व्यवस्था का समाधान हूँ मैं
जब मेरी झाड़ू चलेगी
गंदगी सारी मिटेगी 
दिल्ली इस बयान पे न दहली
बल्कि तारीफ़ की
ईमानदारी इनके के खून में समाई
ये आम अच्छा आदमी हैं भाई
न आरोप न केस न सीबीआई


अरे भोली जनता
दिखा थोड़ी सी तो चतुराई
ये वोट काटने की अंगड़ाई
समझ, जितना झाड़ू चले
उतनी हथेली मुस्काई
झाड़ू से हाथ डरता 
तो उसपे भी होती सीबीआई
चाल तो देखो समझो जरा 
झाड़ू ने रंगत हथेली से पाई
अरे भोली जनता
दिखा थोड़ी सी तो चतुराई


: शशिप्रकाश सैनी


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