Salary Monthly हैं



EMI से दबी हैं
Petrol से जली हैं
Inflation हैं डेली 
Salary Monthly हैं 

घुट घुट के मै Suffer करू 
और कितना मै जी सबर करू 
खाना दाना सभी सब कुछ 
लगे हीरे मोती नगीने से 
Salary मेरी 
लड़ न पाती महीने से

हफ्ते पहले गुजर गई 
तिनका तिनका बिखर गई
चाहतो की चिता जली 
जिंदगी धुए से भर गई 
हर महीने वही है आंसू
वही Tragedy हैं 
Salary Monthly हैं 

Salary  मेरी 
लड़ न पाती महीने से
खून नस में जो बहता 
कहता बहते पसीने से 
क्यों नहीं तू लड़ता 
लड़ता पुरे महीने से 

लड़ लड़ के जब मै पार हुआ 
कुछ रुपया जब तैयार हुआ 
बारह(12) बजते दाम बढे 
हम लुट गए घर पे पड़े पड़े 
Salary ने भी दम तोड़ा
Savings हुई कुर्बान 
अब तो लगता Inflation
ले कर रहेगा जान 

: शशिप्रकाश सैनी 

Comments

  1. धन्यवाद गीताश्री जी

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  2. I am speechless Shashiprakash ji. Brilliant piece of writing.



    Best wishes
    Sanjay bhaskar

    ReplyDelete
    Replies
    1. सराहना हेतु आभार संजय जी

      Delete

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