बिकाऊ है सभी
बिकने को तैयार है
यहाँ हर आदमी
कीमत सही लगाइए
मै बिक जाऊंगा अभी
सब के दाम की तख्तियाँ
बाजार में लगी
खाकी खादी बिकाऊ है सभी
आदर्शो पे धुल
जाने कब से चढ़ी हुई
मुफ्त भी मिले
तो कोई पूछता नहीं
कोई बिक नहीं पाया
तो बस आम आदमी
महंगाई डायन उसे जीने नहीं देती
और बिकने चला तो कोई खरीदता नहीं
: शशिप्रकाश सैनी
I believe the same.. Inflation will not let the common man live happily. Beautiful!
ReplyDeleteSomeone is Special
धन्यवाद सर्वाना जी
Deleteमुफ्त भी मिले
ReplyDeleteतो कोई पूछता नहीं
...bilkul sahi kaha aapne