निपटान रगड़ान स्नान मधुर जलपान
बड़ी बड़ी बाते बड़े बयान
सुन सुन के इतना बखान
निपटान रगड़ान स्नान मधुर जलपान
पक गए कइयो के कान
इतना बखान पचाना नहीं आसान
सुबह-ए-बनारस घाटो की देखा खुला आसमान
शामो गलियों में ली गालियाँ भी छान
रविदास पे लौंगलता पहलवान
कचोड़ी गली में कचोड़ी की शान
ठठेरी में घुसे तो मिला हरिश्चन्द्र मकान
रबड़ी मलाईयो से वही हुई पहचान
पतंग गली नारियल बाजार दिना चाट दुकान
बी एच यू पहुचें तो जाना क्यूँ मालवीया जी महान
अस्सी से राज गली से गली
बंगाली टोला ठठेरी भी डोला
काशी के कण कण में है महादेव विद्यमान
तब जाके हुआ हमें ज्ञान
काशी साछात शिव है
काशी घुमियेगा
जी जियेगा बनारसी हो के
तब समझने में होगा आसान
गलत नहीं है बखान
पहले निपटान फिर रगड़ान
फिर स्नान फिर मधुर जलपान
: शशिप्रकाश सैनी
wah-wah!
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