आओ दिवाली मनाओ




खत्म करो वनवास
और घर आ जाओ
गर रूठे हो अपनों से
आज गले लगाओ
खुशी के दिये जलो
रंगीन बत्तीयों से घर सजाओ
आओ दिवाली मनाओ
वनवास खत्म करो वापस आजाओ
श्री राम की भांति बनो
तो घर अयोध्या
गर घर अयोध्या तो शहर अयोध्या
चमक धमक तो ठीक हैं
गर श्री राम के कुछ संस्कार अपनाओ
दीप मन का जलेगा
तन प्रकाशित हो जायेगा
ये संस्कार लाओगे
और वाणी को शीतल बनाओगे
तो हर भ्राता में
भरत लक्षमण पाओगे

: शशिप्रकाश सैनी


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