तस्वीर जीना सिखाती हैं



आँखों से देखती हैं जिंदगी 
होठो से मुस्कुराती हैं
ध्यान से देखो अगर 
तो तस्वीर भी जीना सिखाती हैं

जिंदगी बड़ी सीधी हैं
पेचीदगी इंसानी फितरत ले आती हैं
और दोष इश्वर पे लगाती हैं
आँखों से देखती हैं जिंदगी 
होठो से मुस्कुराती हैं

हो गयी रफ़्तार कम 
या चल रहे हो मध्यम 
कभी कभी तस्वीर भी 
आगे बढना सिखाती हैं
आँखों से देखती हैं जिंदगी 
होठो से मुस्कुराती हैं

चेहरे का भाव 
या लटो का फैलाव 
ये हर तरह से लुभाती हैं
आँखों से देखती है जिंदगी 
होठो से मुस्कुराती है

हालात कैसे भी हो ये हरदम मुस्कुराती
तस्वीर जीना सिखाती है
आँखों से देखती हैं जिंदगी 
होठो से मुस्कुराती हैं

मन पे अपना प्रतिबिम्ब 
छोड़ जाती हैं
मैले आईनों पे ये कुरूप 
नजर आती हैं
आँखों से देखती हैं जिंदगी 
होठो से मुस्कुराती हैं

जब भी देखता हूँ इसे
ये अपनी तरफ बुलाती हैं
मुझे हँसना मुझे जीना सिखाती हैं
आँखों से देखती हैं जिंदगी 
होठो से मुस्कुराती हैं

: शशिप्रकाश सैनी




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