छोड़ दे हाथ

छोड़ दे हाथ की
बरसात का मुझे इंतज़ार नहीं हैं
छोड़ दे साथ की
बरसात का मुझे इंतज़ार नहीं हैं

होगी प्यार की बरसात
मुझे ऐतबार नहीं हैं
तुझे देख कर उभरे ज़ज्बात
अब तुम में वो बात नहीं हैं
छोड़ दे हाथ की
बरसात का मुझे इंतज़ार नहीं हैं

मांगने से मिल जाए
ये खैरात नहीं हैं
ये मेरी बरसात हैं
किसे और की बरसात नहीं हैं
जिंदगी गुनाह हैं
तो हम गुनाहगार सही हैं
छोड़ दे साथ की
बरसात का मुझे इंतज़ार नहीं हैं

जो दिया मेरा घर ही जला दे
उससे अच्छा तो अंधकार सही हैं
छोड़ दे हाथ की
बरसात का मुझे इंतज़ार नहीं हैं

जब तू ही तू रही
मै रहा नहीं कही
इससे अच्छा जिंदगी बिना प्यार सही हैं
छोड़ दे हाथ की
बरसात का मुझे इंतज़ार नहीं हैं


: शशिप्रकाश सैनी

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