मेरे दिल की गिलहरी
रोके रुके ना
ना मानें मेरी
ठहरी दिल की गिलहरी
नज़रे बचा के देखे
अंखियां चुरा के देखे
छुप के छुपा के देखे
मेरे दिल की गिलहरी
धड़कन बहाना सारा
दिल ये दिखाना सारा
सब कुछ बताना यारा
तेरा हो जाना यारा
तेरे अलावा कोई भाए जरा ना
कब से कही री
मेरे दिल की गिलहरी
छुप छुप के आके देखे
बाते बना के देखे
बाते बहाना चाहे
पास ये जाना चाहे
दिल में सामना चाहे
ठहरी दिल की गिलहरी
मेरे दिल की गिलहरी
पास ये जाना चाहे
दिल में सामना चाहे
तुझको बताना चाहे
आए तो आए आड़े
आड़े जमाना आए
धड़कन के बल पे फुदके
रहती न डर के छुप के
तेरा मै तेरा होके
मेरी तू मेरी होले
रोके रुके क्यों
क्यों माने तेरी
धड़कन तो धड़कन है जी
दिल की चले बस मर्जी
डाली से डाली कूदे
दिल का पाता जी पूछे
कब तक छुपा के देखो
बाहों में आके देखो
दिल की गिलहरी मेरी
दिल की गिलहरी तेरी
डिंगे लड़ा के देखो
रोके रुके ना
ना मानें मेरी
ठहरी दिल की गिलहरी
: शशिप्रकाश सैनी
Bohot acha likha hai Shashi. :)
ReplyDeleteRegards
Jay
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धन्यवाद जय जी
Deletewhat a sense!
ReplyDeletenice
धन्यवाद माहवार जी
Deletea new creation.. wonderfully woven shashi :)
ReplyDeleteधन्यवाद शिखा जी
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