दिल 2013 के लिए तैयार है
वही ठंड की ठिठुरन
वही रजाईयो में गलन
कभी कोहरा कभी बदली
किस्मत नहीं बदली
धूप पड़ी नहीं
दिल-ए-बात बड़ी नहीं
एक तो रोजगार का सिरदर्द
रहा
दूजा दिल-ए-मौसम सर्द रहा
जिल्लत रही तनहाई रही
बारह की बेवफ़ाई रही
न कोई रोशनी
न चांदनी कही
पूरा साल ही मुझ पे परछाई
रही
बारह की बेवफ़ाई रही
दिल तेरह के लिए तैयार है
थोड़ा इन्तेजार-ए-प्यार है
थोड़ा इन्तेजार-ए-रोजगार है
ठंड जाए गर्माहट बढ़े
चार पैसे कमाए
बहोत रोटी तोड़ी
कुछ हम भी घर लाए
जिन उंगलियों को पकड़ अब तक
चले
वो कंधा बुढा होने को है
हम भी कंधा हो जाए
जीने को एक और हौसला हो जाए
चार पैसे कमाए
कुछ हम भी घर लाए
इन रुखी सर्दियों का अंत हो
सूरज हम पे भी मेहरबान हो
मेरा भी बसंत हो
: शशिप्रकाश सैनी
शशिप्रकाश JI....Beautiful poem..loved the way u described 2012 and hoped for a better 2013 with u being a new Kandha :D
ReplyDeleteAwesome creation.
धन्यवाद हेमंत जी
Deleteतेरह की तस्वीर सुनहरी हो
चाँद हो सितारे हो पूरी हथेली भरी हो
जो रह गया अब की बार हो जाए
दिल तेरह को तैयार हो जाए
जिंदगी दे नया रंग नया कलेवर
नयी तारीख नये तेवर
ख्वाब पुरे हो हौसला हो कर
beautiful! magical!! wish you a very happy new year, may all your desires come to pass this year.
ReplyDeleteधन्यवाद मीनाक्षी जी
Deleteतेरह की तस्वीर सुनहरी हो
चाँद हो सितारे हो पूरी हथेली भरी हो
जो रह गया अब की बार हो जाए
दिल तेरह को तैयार हो जाए
जिंदगी दे नया रंग नया कलेवर
नयी तारीख नये तेवर
ख्वाब पुरे हो हौसला हो कर
Apka jeevan 2013 se zarur basant ho. Ye kavita likhne k liye dhanyawaad..I could relate to it. :)
ReplyDeleteAapko aur aapke parivaar ko naye varsh ki shubh kamnaye :)
धन्यवाद छवि जी
Deleteतेरह की तस्वीर सुनहरी हो
चाँद हो सितारे हो पूरी हथेली भरी हो
जो रह गया अब की बार हो जाए
दिल तेरह को तैयार हो जाए
जिंदगी दे नया रंग नया कलेवर
नयी तारीख नये तेवर
ख्वाब पुरे हो हौसला हो कर
Wow! That sums up the winters for me. Lovely, but cold :)
ReplyDeleteHappy New Year.
धन्यवाद आकांक्षा जी
Deleteतेरह की तस्वीर सुनहरी हो
चाँद हो सितारे हो पूरी हथेली भरी हो
जो रह गया अब की बार हो जाए
दिल तेरह को तैयार हो जाए
जिंदगी दे नया रंग नया कलेवर
नयी तारीख नये तेवर
ख्वाब पुरे हो हौसला हो कर