मै मंदबुद्धि कवी


जो जीता उसे जीत की
जो खेला उसे खेल की
देता मै बधाई सभी

जीत की रचनाएँ श्रेष्ट
बाकी सब कमतर रही
ये Surf Matic ने कही

बात ये बदत्तर रही
खुशबू जहन समझा नहीं
नाक तेरी जड़ रही
तुझको बस वो ही दिखी
जो आँख से सुन्दर रही

मै ये कहता नहीं
विजेता हकदार न था जीत का
गर मेरी समझे नहीं
तो शायद समझ कम रही
पहले तू ढीला रहा
इंतज़ार महीनो किया परिणाम का
फिर आया फैसला ईनाम का
फिर मिला संदेश ऐसा
जैसे घुट अपमान का

मै मंदबुद्धि कवी
मै न समझू 4 P
पर ये जानू
मेरी कलम क्या लिख सके
क्या लिख सकी
मै न समझू 4 P
मै मंदबुद्धि कवी

: शशिप्रकाश सैनी 

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