ख्वाब न कुछ कर पाए



ख्वाब न चलता 
ख्वाब न उड़ता
ख्वाब नहीं दोपाए
ख्वाबों में न रहा करो
ख्वाब न कुछ कर पाए


गाड़ी मोटर
उड़नखटोला
सारी दुनिया ख्वाब रची
तारों देर लगेगी लेकिन
चाँद अभी पहुंचाए
जो यह कहता मुरख है
कि ख्वाब न कुछ कर पाए


ख्वाब न पानी
ख्वाब न पत्थर
क्या ख्वाब कोई छू पाए
ख्वाबों में न रहा करो
ख्वाब न कुछ कर पाए


रेती को भी महल करे
महल को कर दे माटी
माटी को पत्थर ये कर दे
पत्थर कर दे पानी
इससे ज्यादा क्या बतलाए
जो यह कहता मुरख है
कि ख्वाब न कुछ कर पाए


:  शशिप्रकाश सैनी

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