जन्मदिन पे अपने हम कविता गाएंगे
जब भी घडी की सुइयां रात बारह पे आई किसी मित्र ने केक कटा मोमबत्तियां बुझाई अपने अंदाज़ में हमने दी बधाई हैप्पी बर्थ डे टू यू तो सभी गाते हमने कविता गाई जो खासो ख़ास के लिए लिखी आज आप से साँझा कर रहे मेरे शब्द मेरे भाव मेरी बधाइयाँ और किसी के काम आ जाए तो क्या बुराइयाँ आज जैसे ही सुई बारह बजाएगी जुलाई छब्बीस ले आएगी गम भूल जाएंगे बत्तीसी दिखाएंगे जन्मदिन पे थोडा मुस्कुराएंगे 2015 का अंदाज : आंखों में सजे ख्वाब नए यूँ ही मुस्कुराहट बनी रहे तकदीर आपकी आसमानी रहे इस जन्मदिन नए अध्याय जुड़े घर का आशीष बना रहे हम दोस्तों की दुआएँ चलती चले जश्न की वजह बनो खुश होने के नए मौके मिलें 2014 का अंदाज : होठों पे हँसी रहे, आँखों में चमक चाल थिरकती रहे, आवाज में खनक खुशियां इतनी बरसे, झोली छोटी पड़ जाए केक की भुझा लिजिये मोमबत्तियाँ भले चाँद आए सूरज आए, आपकी रौशनी बढ़ाए अगले जन्मदिन पे यूहीं मुस्कुराते आइएगा जी हमारा हिस्सा केक का एक्स्ट्रा खाइएगा जी 2013 का अंदाज : बारिश ल...