स्याही की जादूगरी



कभी आंसू कभी मुस्कान
कभी मन की उधेड़बुन
कोरे कागज़ों का सन्नाटा 
जिसे अकसर नहीं भाया


कभी रंग लिखती है
कभी खुश्बू लिख डाले
कभी चहकन सुनाती है 
कभी थिरकन पिरोती है 
स्याही की जादूगरी को 
दुनिया गुलज़ार कहती है


जन्मदिन पर
सत-सत नमन करूँ
मैं कलम छोटा सी


‪#‎Sainiऊवाच‬

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