चेहरों पे मल दो गुलाल

होलिका जलाओ रातभर
की हर गम धुआँ होजाए
रंग इतना बरसे
की रंगी ये समा होजाए
निकाल दिल का मलाल
चेहरों पे मल दो गुलाल
रंग में रंगे हैं अनेक से
फिर भी लगे हैं एक से
मुह में गुजिया की मिठास
हाथों में ठंडाई गिलास
चेहरे पे गुलाल
हाथों में गुलाल
सारा रंग का कमाल
यही हैं होली की धमाल

: शशिप्रकाश सैनी


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

धड़कने को कोई दिल्लगी दे दे

Salary Monthly हैं

गमछा