घर आई कब पतोहिया
माई गरियावेलिन
"दुनिया खिलावत ह
पोता आउर पोतिया
कोखी में कुपूत भया
न माने एको बतिया
ए राम जी बतावा
घर आई कब पतोहिया"
बाऊ गरियावेलन
"पढइली लिखइली
बहइली ढेर नोटिया
लईका बिगड़ गल
न माने एको बतिया
ए राम जी बतावा
घर आई कब पतोहिया"
तोही कटबू तरकारी
पतोहिया आके तारी
ताना ढेर मारी
"नसिबिया हमार
फुट गईल भईया
ए राम जी बतावा
काहे देला कवि सईया"
: शशिप्रकाश सैनी
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