हम दुनिया की निगाहों से इस कदर डरते रहे
हम दुनिया की निगाहों से इस कदर डरते रहे
आईने मैले थे और हम चेहरा साफ़ करते रहे
उसके बज़्म में दुनिया दीवानी ऐसी थी जवानी
एक हम भी उसकी हर अदा पे मरते रहे
वो देते गंगा नहाने की सीख दुनिया को
और छुप-छुपा के पाप का घड़ा भरते रहे
दुनिया से लड़कर लाया तक़दीर हाथों में “सैनी”
मगर याद में उसकी लम्हा लम्हा बिखरते रहे
: शशिप्रकाश सैनी
Wah!!!!!!
ReplyDeleteमगर याद में उसकी लम्हा लम्हा बिखरते रहे,bahut khoob....
वाह !!!! बहुत खूब :)
ReplyDeleteShashi I say it's wonderful:
ReplyDeleteआईने मैले थे और हम चेहरा साफ़ करते रहे
...amit