मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो
किसी को चाँद चाहिये
तो किसी को चाँदनी मिले
किसी को तारे
तो किसी को टिमटिमाहट दिखे
मेरी ख्वाइश थोड़ी ज्यादा हैं
मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो
जब से देखा तो
उड़ाने की चाहत रखता हूँ
तो तेरी गहराई में
डूबना भी चाहता हूँ
टूटता सितारा हूँ
की जिंदगी का आसरा दे दो
मेरे हिस्से का
मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो
मेरे तडपते जिगर को
थोडा मरहम दो
अगर तुम भी इंसा हो
तो रहम दो
मै तुम्हारा कुछ भी नहीं मांगता
जो मेरा हैं मुझे दे दो
मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो
आंखे बंद कर लो
गर सच छुपाना हैं
क्योंकी ये सब कहती हैं
इनकी मेरे लिए सहमति हैं
मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो
: शशिप्रकाश सैनी
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