नये है रंग

नये हैं रंग
रुत हैं नयी तस्वीर बनाने की
नये साज़ नयी आवाज़ में
कुछ नयी धुन गुनगुनाने की
नयी सुबह हैं 
नये सूरज के जगमगाने की
खठी मीठी यादे पीछे छोड़ आने की
नयी उम्मीद नई आशाए जगाने की
जो बीता उसे सम्मान से विदा करे
और नये बरस के स्वागत में दीप जलाने की
लौ से शोला 
शोलो से लपटों में बदल जाने की
दिलो से दूरिया मिटाने की
बस यही गीत गुनगुनाने की

:शशिप्रकाश सैनी

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Comments

  1. Abe spelling correct kar ya fir hindi me post kar kuch kuch ekdum alag helag rha he

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